क्रेडिट स्कोर क्या है?
क्रेडिट स्कोर एक 3-अंकों की संख्या (300 से 900 के बीच) होती है जो बताती है कि आप कितने भरोसेमंद उधारकर्ता (borrower) हैं। जब भी आप कोई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए apply करते हैं, तो बैंक या कंपनी सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करती है।
अच्छा क्रेडिट स्कोर = 750 या उससे ऊपर
कम स्कोर = ज़्यादा ब्याज दर या लोन रिजेक्ट
क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाले मुख्य फैक्टर:
1. Payment History (समय पर भुगतान किया या नहीं)
2. Credit Utilization Ratio (क्रेडिट लिमिट का कितना हिस्सा इस्तेमाल किया)
3. Credit Mix (लोन + क्रेडिट कार्ड दोनों)
4. New Credit Inquiries (बार-बार लोन apply करना)
5. Credit History Length (आपके क्रेडिट का पुराना रिकॉर्ड)
क्रेडिट स्कोर सुधारने के 5 आसान और असरदार तरीके:
1. समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड भुगतान करें
लेट पेमेंट से स्कोर सबसे ज़्यादा गिरता है
AutoPay सेट करें ताकि भूल ना हो
2. क्रेडिट लिमिट का 30% से ज़्यादा इस्तेमाल न करें
अगर आपकी लिमिट ₹1,00,000 है, तो ₹30,000 से ज़्यादा यूज़ करने से स्कोर गिर सकता है
लिमिट के अंदर रहना समझदारी है
3. बिना ज़रूरत बार-बार लोन या कार्ड के लिए अप्लाई न करें
हर बार inquiry होने से स्कोर गिरता है
ज़रूरत हो तभी अप्लाई करें
4. पुराना क्रेडिट कार्ड बंद न करें
पुराने कार्ड से आपकी credit history लंबी रहती है
ज्यादा पुराना और एक्टिव कार्ड स्कोर को बेहतर करता है
5. Free में साल में 1 बार अपना स्कोर चेक करें
CIBIL, Experian, CRIF से आप मुफ्त में स्कोर चेक कर सकते हैं
इससे आपको पता रहेगा कि सुधार कहां करना है
Bonus Tip: Credit Builder Loan का इस्तेमाल करें
कुछ NBFC और Apps (जैसे StashFin, CASHe) low-risk loan देकर आपकी history बनाने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
क्रेडिट स्कोर आपका financial CV है।
इसे बेहतर बनाकर आप भविष्य में सस्ते ब्याज पर लोन, क्रेडिट कार्ड और EMI जैसी सुविधाएं आसानी से पा सकते हैं।
थोड़ी सी समझदारी और सही टेक्नोलॉजी टूल्स का इस्तेमाल आपको फाइनेंशियली मज़बूत बना सकता है।
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