🔐 भूमिका :- साइबर सुरक्षा।
आज के डिजिटल युग में, जहां तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, वहीं साइबर खतरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। हर दिन नए-नए साइबर हमले सामने आ रहे हैं, जो न केवल व्यक्तिगत डेटा को खतरे में डालते हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर भी प्रभाव डालते हैं।
📊 साइबर खतरों की वर्तमान स्थिति :-
भारत में साइबर हमलों की संख्या में वृद्धि :- 2023 में भारत में 79 मिलियन साइबर हमले दर्ज किए गए, और यह संख्या 2033 तक 1 ट्रिलियन वार्षिक तक पहुँच सकती है।
रैनसमवेयर हमलों का बढ़ता खतरा :- महत्त्वपूर्ण बुनियादी अवसंरचना पर रैनसमवेयर हमले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे आवश्यक सेवाएँ बाधित हो रही हैं।
फिशिंग और UPI धोखाधड़ी में वृद्धि :- डिजिटल बैंकिंग के विस्तार के साथ, फिशिंग और UPI धोखाधड़ी के मामलों में भी वृद्धि हुई है।
🛡️ साइबर सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम :-
1. साइबर बीमा का उपयोग :- टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने "साइबरएज" नामक एक व्यापक साइबर बीमा समाधान लॉन्च किया है, जो व्यवसायों को साइबर खतरों से बचाने में मदद करता है।
2. साइबर सुरक्षा में निवेश :- सरकार और निजी क्षेत्र को साइबर सुरक्षा में रणनीतिक निवेश करना चाहिए, जिससे महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
3. साइबर सुरक्षा कौशल विकास :- साइबर सुरक्षा कौशल में निवेश करके, कुशल प्रतिभा पूल तैयार किया जा सकता है, जो उभरते साइबर खतरों का मुकाबला करने में सक्षम हो।
🧩 निष्कर्ष :-
डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा हमारी पहली रक्षा पंक्ति है। व्यक्तिगत, व्यावसायिक और राष्ट्रीय स्तर पर साइबर खतरों से निपटने के लिए, हमें जागरूकता, निवेश और सहयोग की आवश्यकता है। साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देकर ही हम एक सुरक्षित और समृद्ध डिजिटल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
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